About Sadikpur Muraul village(843121),panchayat ,सादिकपुर मुरौल गांव का इतिहास 843121
(बिहार)मुजफ्फरपुर : सादिकपुर मुरौल (Sadikpur Muraul) गाँव के बारे में जानकारी
मुजफ्फरपुर : सादिकपुर मुरौल (Sadikpur muraul ) भारत के बिहार राज्य के मुजफ्फरपुर जिले के मुरौल प्रखण्ड में एक गाँव है। यह तिरहुत प्रमंडल के अंतर्गत आता है। यह जिला मुख्यालय मुजफ्फरपुर से 28 किमी की दूरी पर स्थित है। सादिकपुर मुरौल गाँव राज्य की राजधानी पटना से 95 किमी की दूरी पर अवस्तिथ है।
यह मुरौल पंचायत में स्तिथ है इसकी वजह से इसे बहुत से व्यक्ति सादिकपुर मुरौल के बदले मुरौल के नाम से भी जानते है । सादिकपुर मुरौल का अपना डाकघर है जिसका पिन कोड 843121 है ।
यह गांव सकरा थाना के अंतर्गत आता है जो कि 3 किलोमीटर की दूरी पर है।
सादिकपुर मुरौल का मुख्यालय (प्रखण्ड)भी मुरौल है।
सादिकपुर मुरौल (Sadikpur muraul)गाँव की चौहदी
पूर्व में बूढ़ी गंडक या रामपुर दयाल (गाँव)
पश्चिम में नरसिंहपुर खादी भंडार
उत्तर में मीरापुर (गोपालपुर मुरौल)
दक्षिण में हरसिंहपुर लौतन
मुरौल प्रखंड की चौहद्दी
सादिकपुर मुरौल पूर्व में बांद्रा ब्लॉक,
पश्चिम में सकरा ब्लॉक,
उत्तर में मुशहरी ब्लॉक,
दक्षिण में पूसा ब्लॉक
सादिकपुर मुरौल गांव के निकटतम शहर मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, दरभंगा हैं।सादिकपुर मुरौल से दरभंगा एयरपोर्ट की दूरी मात्र 40 किमी है।यह गाँव के सबसे निकटतम हवाई अड्डा है ।सादिकपुर मुरौल गाँव मुजफ्फरपुर और समस्तीपुर जिले के बीच मे बसा हुआ है।
सादिकपुर मुरौल गांव की जनसंख्या (खुद के सर्वे से अनुमानित आकड़ा )(Population of Sadikpur Muraul)
कुल जनसंख्या - 11145
कुल घरों की संख्या - 2324
महिलाओ की जनसंख्या - 48 %(5371)
कुल साक्षरता दर - 58% (6465)
महिलाओं की साक्षरता दर - 25% (2787)
कुल अनुसूचित जनजाति की संख्या - 0
कुल अनुसूचित जाति की संख्या - 26%(2898)
सादिकपुर मुरौल में सभी जाति के लोग मिलजुलकर रहते है । यहाँ ब्राह्मण , भूमिहार, तेली, कुशवाहा, यादव, नुनिया, चमार, दुसाध (पासवान), डोम,बनिया, मुस्लिम सभी जाति और धर्म विशेष के लोग मिलजुलकर रहते है परंतु यहाँ मुख्यतः कुशवाहा और यादव की जनसंख्या ज्यादा है ।
सादिकपुर मुरौल में विद्यालय(School in Sadikpur Muraul)
हमारे सादिकपुर मुरौल गाँव में प्राथमिक विद्यालय, मध्य विद्यालय तथा एक उच्च विधालय है। हमारे गांव में प्राथमिक विद्यालय, मध्य विद्यालय तथा उच्च विद्यालय बहुत पहले ही श्री शिवनंदन सिंह (कुशवाहा जाती) के द्वारा अपने खर्च से बनवाया गया था बाद में इसे सरकार से मान्यता प्राप्त हो गया उन्होंने गांव के विकास के लिए यह बहुत बड़ा कदम उठाया जिसके वजह से आसपास के गांव वाले शिक्षित हो पाए आज भी 15-20 गांवों में एक ही उच्च विद्यालय है।
हमारे गाँव से 3 किलोमीटर की दूरी पर रामेश्वर चेथरु महाविद्यालय है जिसमे कला और विज्ञान विषय में स्नातक तक पढ़ने की व्यवस्था है जिससे आसपास के गांव के लड़कियों के लिए काफी सुविधा होता है ।
गांव के कुछ दूरी पर तिरहुत कृषि महाविद्यालय ढोली में है जो गाँव से 2.5 किलोमीटर है। हमारे गाँव से 4 किलोमीटर की दूरी पर प्राइवेट ITI कॉलेज है तथा 30 किलोमीटर की दूरी पर सरकारी ITI और polytechnic कॉलेज दोनों की व्यवस्था है ।
सादिकपुर मुरौल में स्वास्थ्य व्यवस्था की स्तिथि(Health condition of sadikpur muraul)
सादिकपुर मुरौल गाँव मे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र है जहाँ पे मरीज का इलाज किया जाता है परंतु गंभीर बीमारी के लिए सकरा या मुजफ्फरपुर शहर की ओर प्रस्थान करना पड़ता है । अस्पताल में दवाई की अच्छी व्यवस्था नही रहती है और न ही यहाँ पर ANM वगैरह टाइम पर आती है यहाँ केवल चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी उपलब्ध रहते है और वही सही से काम करते है जिसके वजह से बहुत कम आदमी ही अस्पताल जाते है ।सादिकपुर मुरौल गाँव मे कोई भी बड़ा सा medical shop नही है उसके लिए गाँव के आदमी को ढोली या सकरा जाना पड़ता है।
सादिकपुर मुरौल गांव में यातायात की सुविधा (Transportation facility of Sadikpur Muraul)
सादिकपुर मुरौल गाँव मे आने जाने की सुविधा काफी अच्छी है। मुजफ्फरपुर ,पूसा और समस्तीपुर को जोड़ने वाला मार्ग भी है जिसकी सहायता से आप आसानी से सदिकपुर मुरौल गांव में प्रवेश कर सकते है । मुफ्फररपुर और समस्तीपुर जोड़ने वाला राजमार्ग NH28 है जिसके बीच मे सुजवालपुर चौक(जहाँ से गांव की दूरी 4 km है) पर उतड़कर आप आसानी से सदिकपुर मुरौल गांव आ सकते है यहाँ से ऑटो की सुविधा उपलब्ध है । सादिकपुर गांव से 3km की दूरी पर ढोली(सकरा) station है जहाँ पर mail/Express ट्रैन भी रुकती है उधर से भी आ सकते है ।
सादिकपुर मुरौल गांव में रोजगार की व्यवस्था (Employee condition in Sadikpur Muraul)
सादिकपुर मुरौल गांव कृषि प्रधान है यहाँ की ज्यादातर जनसंख्या कृषि पर आधारित है जिससे यहाँ गरीबी ज्यादा है । ज्यादातर लोग रोजगार न होने के कारण दिल्ली , मुम्बई, हैदराबाद आदि जगहों पर जाकर मजदूरी का काम करते है ।सादिकपुर मुरौल गाँव मे मुख्यतया धान, गेहूं, मक्का और सब्जी की खेती की जाती है ।
गाँव का कुछ काला सच(Black truth of Village)
रोजगार न होने की वजह से कुछ लोग दिन -भर प्रखंड कार्यालय और अस्पताल में दलाली का काम करते है। जैसे कि विधवा पेंशन, आवास योजना , वृधा पेंशन ,जाती प्रमाण पत्र, आवासिय प्रमाण पत्र, आधार सुधार आदि में घुस लेकर काम करते है ।जैसे किसी के जमीन का यदि दाखिल खारिज करवाना हो तो उसमें भी 3000या 4000 का घुस लेते है उस तरह का काम (कोइरी )जाती का व्यक्ति है वही करता है।
बिजली आफिस में भी कुछ लोग दलाली का काम करते है जैसे उसमे एक यादव जाती का व्यक्ति है वह दलाली का काम करता है ।
अब तो सुनने में आया है कोई -कोई वार्ड प्रतिनिधि 5000 रुपये लेकर इंदिरा आवास योजना पास करवा रहे है ।CSP एक केंद्र है वह भी कितनो का पैसा खा चुका है ।
गाँव मे डीलर भी कम तौल के समान देता है कहने पर कहता है कि ऊपर वाले भी हमसे कमीशन लेते है कहि भी complain करो कोई सुनवाई नही होता ।
सादिकपुर मुरौल गाँव मे कुशवाहा(कोइरी) जाती की स्तिथि (Kushwaha caste Condition in Sadikpur Muraul village)
पहले कुशवाहा जाती के एक व्यक्ति ने स्कूल बनवाए यह बहुत ही गर्व का विषय है कि एक व्यक्ति ने गांव की भलाई के लिए इतना बड़ा समाज में योगदान दिया।पहले कुशवाहा की स्तिथि काफी अच्छी थी परंतु वर्तमान में बहुत ही खराब स्तिथि है सभी आपस मे लड़ते रहते है कुशवाहा जाती में अब सभी के पास 1से 2 बीघे से ज्यादा भाई पर किसी को जमीन नही है और उसी जमीन के लिए कुत्ते की तरह लड़ते रहते है। कुशवाहा समाज की एक व्यक्ति जदयू के बहुत बड़े नेता बनते फिरते है परन्तु आज तक कोई चुनाव नही जीत पाए इन लोगो मे एकता नही है।ये सब यादव समाज से डर कर रहते है ।चौक पर यादव का वर्चस्व है ।
मुरौल में सिर्फ एक बार मुखिया के रूप में कुशवाहा समाज का व्यक्ति जीता पर उन्होंने उतना अच्छा काम भी नही किया जिसकी वजह से अब भविष्य में भी कोई कुशवाहा जाती से कुछ बन नही पाएगा।
कुशवाहा जाती से सम्मानित नौकरी में मुश्किल से 10 या 12 व्यक्ति ही होगा (जिसमें एक ही परिवार से 2 व्यक्ति बैंक में मैनेजर तथा एक ही परिवार से रेलवे में goods guard तथा station master ) है, बाद बाकी Teacher या fourth grade का नौकरी या army या शिक्षा मित्र वाली नौकरी कर रहे है ।कुशवाहा सब बस आपस मे जमीन विवाद में लगे रहते है पढ़े लिखे कम होने की वजह से समाज मे इनकी स्तिथि अच्छी नही है ।जिनके पास जमीन भी है वो बेच - बेच कर खा रहे है और 2 -3 बिघे वाले का घमंड ही सर पर रहता है जिसकी वजह से ये कुछ कर नही पाते।
सादिकपुर मुरौल गांव के वर्तमान मुखिया प्रमिला देवी है तथा गाँव 12 वार्डो में विभाजित है ।मुरौल गाँव का कुछ भाग को काटकर नगर पंचायत में दाल दिया गया है ।
सादिकपुर मुरौल गाँव में pacs का चुनाव होता है और उस pacs वाले में खाद -बीज आता है उसका कभी कुछ पता नही चल पाता ।
सादिकपुर मुरौल गाँव मे साफ - सफाई (Sanitation condition in Sadikpur muraul Village)
सादिकपुर मुरौल गाँव मे आपको यादव तोला में रास्ते पर भैस बंधा मिल जाएगा और पूरे गाँव मे पानी के बहाने या नाली की कोई व्यवस्था नही है । साफ-सफाई में मध्यम प्रवृति का गाँव कह सकते है ।
सादिकपुर मुरौल गाँव मे bank
सादिकपुर मुरौल गाँव मे एक पंजाब नेशनल बैंक है तथा एक उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक है ।(कहने को तो उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक सादिकपुर मुरौल में है परंतु यह गाँव से 3 km की दूरी पर है ।)
सादिकपुर मुरौल गाँव की स्तिथि नहर के बनने से (After Canal condition of Sadikpur Muraul Village)
वर्तमान में सादिकपुर मुरौल में एक नहर बना है जबकि उस नहर बनने से कोई फायदा नही है इससे गाँव दो भाग में विभक्त हो गया है ।नहर में सिंचाई के लिए तो छोड़ो धोने के लिए भी पानी नहीं रहता है । नहर बस पैसा खाने के लिए बना था गाँव वाले के विरोध के वावजूद नहर बना (जिस चीज का जनता विरोध किया उसके वावजूद उस नहर को बना दिया गया ) इस नहर की वजह से गांव घिर चुका है आगे बुढ़ी गंडक का बांध और पीछे नहर का बांध जिसकी वजह से सादिकपुर मुरौल की जनता काफी परेशान रहती है ।
सादिकपुर मुरौल में 1987 में बूढ़ी गंडक का बांध टूटने की वजह से बाढ़ आया था जिससे काफी क्षति हुई थी 2004 ,2007, 2017 में भी बाढ़ आया था जिसमे काफी फसल की बर्बादी हुई थी ।
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