बद्रीनाथ का रहस्य, और हैरान कर देनेवाले कुछ रोचक तथ्य
1 .भगवान बद्रीनाथ में शंख क्यों नहीं बजाया जाता कारण क्या है ?
उत्तर -बद्रीनाथ धाम अगर आप गए होंगे, तो ये आपने खुद गौर किया होगा यहां शंख नहीं बजाया जाता। अगर नहीं किया है, तो हम बता दें, बद्रीनाथ मंदिर में शंख नहीं बजाया जाता, वजह वैज्ञानिक, पौराणिक और धार्मिक हर तरह से जुड़ी हुई हैं।देवभूमि के नाम से मशहूर उत्तराखंड की खूबसूरती को देखने के लिए न केवल देश के लोग बल्कि विदेशी श्रद्धालु भी यहां आते हैं। उत्तराखंड को छोटे चार धाम के रूप में भी जाना जाता है, जिनमें सबसे खास बद्रीनाथ धाम है। ये धाम भगवान विष्णु को समर्पित है , लेकिन ये जानकार आपको शायद हैरानी हो कि उनके मुख्य धाम बद्रीनाथ में शंख नहीं बजाया जाता। जी हां, मठ मंदिरों में देवी-देवताओं का पूजा-अर्चना के साथ शंख ध्वनि से भी उनका आह्वान करते हैं, लेकिन हिमालय की तलहटी पर स्थित बद्रीनाथ धाम में शंखनाद नहीं होता है।
बद्रीनाथ में शंख बजाने के पीछे कई वैज्ञानिक तथ्य जुड़े हुए हैं। ठंड के दौरान अगर आप यहां आए होंगे तो खुद देखा होगा इस समय बर्फ पड़ने लगती है। अगर यहां शंख बजता है तो उसकी ध्वनि पहाड़ों से टकराकर प्रतिध्वनि पैदा करती । इस कारण बर्फ में दरार पड़ने या फिर बर्फीले तूफान आने की आशंका बन सकती है। वैज्ञानिकों का कहना है कि खास आवृत्ति वाली ध्वनियाँ पर्यावरण को काफी नुकसान पहुंचाती हैं। ऐसे में पहाड़ी इलाकों में लैंडस्लाइड भी हो सकता है। हो सकता है कि इसी वजह से यहां आदिकाल से शंख नहीं बजाया जाता।
2.क्या आपको ऐसे रोचक तथ्य पता हैं, जिन्हें लोग अभी भी नहीं जानते हैं?
उत्तर -
1. अगर आप मुकेश अंबानी की 'एंटीला' के हर फ्लोर पर एक दिन बिताएंगे तो आपको पूरे घर में घूमने में 27 दिन लगेंगे।
2.Google का मानना है कि नींद की कमी आपके स्वास्थ्य को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचा सकती है, इसलिए उसने अपने कार्यालयों में नींद की आवश्यकता वाले कर्मचारियों के लिए स्लीप पॉड्स स्थापित किए हैं।
3."आइलैंड ऑफ डेथ", 14वीं सदी में प्लेग के मरीज यहां लाए गए और जब मरीज 1 लाख 60 हजार से ज्यादा हो गए तो इस आइलैंड पर लोगों को जिंदा जला दिया गया।
4. पहला टेस्टिकुलर गार्ड 1874 में क्रिकेट में इस्तेमाल किया गया था और पहला हेलमेट 1974 में इस्तेमाल किया गया था। पुरुषों को यह महसूस करने में 100 साल लग गए कि मस्तिष्क भी महत्वपूर्ण है।
5. सिर्फ एक महीने के लिए शराब छोड़ने से लीवर की कार्यप्रणाली में सुधार हो सकता है, रक्तचाप कम हो सकता है और मधुमेह का खतरा कम हो सकता है ।
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