Sanskrit education
श्लोक
रूपयौवन सम्पन्ना विशालकुल संभवा: ।
विद्याहीना न शोभन्ते निर्गन्धा इव किं शुकाः ।।
भावार्थ : रूप यौवन से सम्पन्न तथा विशाल कुल में जन्म लेकर भी विद्या के बिना शोभा नही देते है जिस प्रकार पलाश के फूल सुंदर होते हुए भी देवमस्तक पर नही चढ़ता ।
रूपयौवन सम्पन्ना विशालकुल संभवा: ।
विद्याहीना न शोभन्ते निर्गन्धा इव किं शुकाः ।।
भावार्थ : रूप यौवन से सम्पन्न तथा विशाल कुल में जन्म लेकर भी विद्या के बिना शोभा नही देते है जिस प्रकार पलाश के फूल सुंदर होते हुए भी देवमस्तक पर नही चढ़ता ।
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