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Translatiin hindi to sanskrit (अनुवाद सीखे हिंदी से संस्कृत )

आज हमलोग अनुवाद सीखेंगे की किस तरह आसानी से हिंदी से संस्कृत में अनुवाद बहुत ही साधारण तरीके से किया जाता है , जैसा कि पिछले पोस्ट में मैने बताया था कि धातु रूप भी होता है आज उसके बारे में जानकारी लेते हुए अनुवाद करेंगे                     खाद धातु रूप                    लट लकार  (वर्तमान काल)                एकवचन                द्विवचन               बहुवचन प्रथमपुरुष    खादति                खादत:               खादन्ति मध्यम पुरुष  खादसि                खादथ:              खादथ उत्तमपुरुष     खादामि              खादाव:       ...

About sandhi in sanskrit

संधि :-दो वर्णो के मेल से जो विकार उत्पन्न होता है उसे संधि कहते है । संस्कृत में संधि तीन प्रकार के होते है। (क) स्वर संधि (ख)व्यंजन संधि (ग) विसर्ग संधि (क) स्वर संधि :-दो स्वरों के मेल से जो विकार (परिवर्तन)उत्पन्न होता है उसे संधि कहते है।  जैसे हिम+आलय = हिमालय भानु+उदय   = भानूदय मुनि+इंद्र      =मुनींद्र वधू+उत्सव= वधूत्सव मही+ईश= महीश (ख) व्यंजन संधि    :- व्यंजन का स्वर या व्यंजन के साथ मेल होने पर जो विकार उत्पन्न होता है उसे व्यंजन संधि कहते है । जैसे   अप+ज =अब्ज उत + लास =उल्लास (ग) विसर्ग संधि :- विसर्ग का स्वर या व्यंजन के साथ मेल होने पर जो परिवर्तन होता है उसे विसर्ग संधि कहते है। जैसे      ज्योति: +चक्र   =ज्योतिश्चक्र        दु: +चरित्र  = दुश्चरित्र        नि: +चय  = निश्चय

Sanskrit education

                                  श्लोक रूपयौवन सम्पन्ना विशालकुल संभवा: । विद्याहीना न शोभन्ते निर्गन्धा इव किं शुकाः ।। भावार्थ : रूप यौवन से सम्पन्न तथा विशाल कुल में जन्म लेकर भी विद्या के बिना शोभा नही देते है जिस प्रकार पलाश के फूल सुंदर होते हुए भी देवमस्तक पर नही चढ़ता ।

Language sanskrit( संस्कृत भाषा )

                                     बालक शब्दरूप                  एकवचन                द्विवचन            बहुवचन   प्रथमा       बालकः                 बालकौ              बालकाः   द्वितीया     बालकम                बालकौ             बालकान   तृतिया       बाल्केन              बालकाभ्यां           बालकै:   चतुर्थी        बालकाय            बालकाभ्याम       बालकेभ्यः  पंचमी       बलकात  ...

Sanskrit ctet

जैसे इंग्लिश में tense 3 प्रकार के होते है उसी तरह संस्कृत में लकार 5 प्रकार के होते है जिसका उपयोग जब आप अनुवाद करोगे तो करना पड़ेगा ये सीखना बहुत ही महत्वपूर्ण है लट लकार   - वर्तमान काल लंग लकार   -भूत काल लृट लकार -  भविष्यत काल लोट लकार -अनुज्ञ विधिलिंग - चाहिए तीन वचन होते है एक वचन द्वी वचन बहु वचन इनका उपयोग धातुरूप तथा शब्दरूप दोनो में किया जाता है  तथा तीन पुरुष होते है प्रथम पुरुष मध्यम पुरुष उत्तम पुरुष इनका उपयोग धातु रूप में किया जाता है । इसका आगे का अगले पेज में समझाऊंगा Any body comment in english also

Sanskrit grammar

संस्कृत सीखने के लिए कुछ जरूरी बातो को कंठस्थ करना जरूरी है कर्ता     ने कर्म     को करण    से सम्प्रदान   के लिए आपदान  से संबंध    का के की अधिकरण    में ,पर संबोधन    हे ,अजी ,अरे ,अहो इसका प्रयोग आगे शब्दरूप में किया जाएगा । जैसे    बालक को लड्डू पसंद है  संस्कृत में इसका अनुवाद होगा    (बालकाय मोदकं रोच्यते) ये शुरुआत में थोड़ा समझना कठिन है पर मेरे पेज को फॉलो कीजिये इसमे धीरे धीरे सारे चीज को समझाने का प्रयास करूंगा।

Sanskrit word (sanskrit shabd)

गजः      हाथी          बालिका   लड़की अशवः    घोड़ा          अज:    बकरी पुस्तक    किताब        व्याघ्र:  बाघ गौ:      गाय               ओदनम    भात वृषभ    बैल              द्विदलम     दाल मनुष्य:  आदमी          व्यंजन्म     सब्जी बालक:   बालक         शस्क़ुली   पूरी

Sanskrit c tet

संस्कृत सीखने के लिए श्लोक का अध्ययन जरूरी है जिससे कि हमे पढ़ने में सहायता मिलती है तो शुरू करते है विद्या ददाति विनयम, विन्यात याती पात्रताम । पात्रत्वाद धनमाप्नोति , धनात्त धर्मः ततः सुखम ।। भावार्थ   - विद्या  विनय देती है ,विनय से पात्रता आती है। पात्रता से धन आता है ,धन से धर्म तब सुख होता है

Learn Sanskrit sikhe (संस्कृत सीखिए आसानी से)

सः - वह      He तौ - वे दोनों  They ते  - वे लोग  They त्वम - तुम   You युवाम - तुम दोनों  you यूयम - तुम लोग  You अहम - मैं   I आवाम -हम दोनों   we वयम - हमलोग  we